शरीर में उष्णता या खुश्की बढ़ जाने, नंगे पैर चलने-फिरने, खून की कमी, तेज ठंड के प्रभाव से तथा धूल-मिट्टी से पैर की एड़ियां फट जाती हैं।
यदि इनकी देखभाल न की जाए तो ये ज्यादा फट जाती हैं और इनसे खून आने लगता है, ये बहुत दर्द करती हैं। एक कहावत शायद इसलिए प्रसिद्ध है-
जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई।
घरेलू इलाज
* अमचूर का तेल 50 ग्राम, मोम 20 ग्राम, सत्यानाशी के बीजों का पावडर 10 ग्राम और शुद्ध घी 25 ग्राम। सबको मिलाकर एक जान कर लें और शीशी में भर लें। सोते समय पैरों को धोकर साफ कर लें और पोंछकर यह दवा बिवाई में भर दें और ऊपर से मोजे पहनकर सो जाएं। कुछ दिनों में बिवाई दूर हो जाएगी, तलवों की त्वचा साफ, चिकनी व साफ हो जाएगी।
* त्रिफला चूर्ण को खाने के तेल में तलकर मल्हम जैसा गाढ़ा कर लें। इसे सोते समय बिवाइयों में लगाने से थोड़े ही दिनों में बिवाइयां दूर हो जाती हैं।
चावल को पीसकर नारियल में छेद करके भर दें और छेद बन्द करके रख दें। 10-15 दिन में चावल सड़ जाएगा, तब निकालकर चावल को पीसकर बिवाइयों में रोज रात को भर दिया करें। इस प्रयोग से भी बिवाइयां ठीक हो जाती हैं।
* गुड़, गुग्गल, राल, सेंधा नमक, शहद, सरसों, मुलहटी व घी सब 10-10 ग्राम लें। घी व शहद को छोड़ सब द्रव्यों को कूटकर महीन चूर्ण कर लें, घी व शहद मिलाकर मल्हम बना लें। इस मल्हम को रोज रात को बिवाइयों पर लगाने से ये कुछ ही दिन में ठीक हो जाती हैं।
* रात को सोते समय चित्त लेट जाएं, हाथ की अंगुली लगभग डेढ़ इंच सरसों के तेल में भिगोकर नाभि में लगाकर 2-3 मिनट तक रगड़ते हुए मालिश करें और तेल को सुखा दें। जब तक तेल नाभि में जज्ब न हो जाए, रगड़ते रहें। यह प्रयोग सिर्फ एक सप्ताह करने पर बिवाइयां ठीक हो जाती हैं और एड़ियां साफ, चिकनी व मुलायम हो जाती हैं। एड़ी पर कुछ भी लगाने की जरूरत नहीं।
रविवार, 23 फ़रवरी 2014
होठों का खुश्की से बचाव
नाभि में रोजाना सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है।
या सरसों का तेल कनपटी में मलिए, कान में डालिए, नाक में सुड़किए, नाभि में लगाइए - इससे नेत्र-ज्योति तथा मस्तिष्क - शक्ति बढ़ती है। जुकाम कभी नहीं होता। सर्दी के दिनों में प्रतिदिन सरसों का तेल नाभि पर लगाने से हाथ पांव भी नहीं फटते और हाथ पैरों की चमड़ी खुरदरी नहीं होती।
या सरसों का तेल कनपटी में मलिए, कान में डालिए, नाक में सुड़किए, नाभि में लगाइए - इससे नेत्र-ज्योति तथा मस्तिष्क - शक्ति बढ़ती है। जुकाम कभी नहीं होता। सर्दी के दिनों में प्रतिदिन सरसों का तेल नाभि पर लगाने से हाथ पांव भी नहीं फटते और हाथ पैरों की चमड़ी खुरदरी नहीं होती।
शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2014
घर में लगाइये मच्छरों को दूर भगाने वाले पौधे
मच्छरों को भगाने के लिए ऐसे पौधे आपके आसपास ही मौजूद हैं। तुलसी, गेंदा, रोजमेरी और लौंग कुछ ऐसे ही पौधों के उदाहरण हैं जिन्हें लगा कर आप मच्छरों से भी बच जाएंगे और आपके पैसे भी नहीं खर्च होंगे। साथ ही आप कैमिकल्स के प्रभाव से भी बचे रहेंगे। आइए जानते हैं इन पौधों के बारे में:
* गेंदे का फूल : यह बहुत ही आम फूल है और हर घर में पाया जाता है। इसकी गंध बहुत तीखी होती है इसलिए यह मच्छरों को दूर भगाने में सहायक होता है। इसके आसपास तक मच्छर नहीं फटकते हैं।
* सिट्रोनेला : : दरअसल, यह एक घास की प्रजाति का एक पौधा है जिसमें से नींबू की तरह सिट्रस की खुशबू आती है।
* तुलसी : : हर हिंदू घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है। इसकी तेज खुशबू मच्छरों को परेशान कर देती है और वे भाग जाते हैं।
* हार्समिंट : : यह एक तरह का मिंट पौधा है जिसमें से कसैली गंध आती है। इसको लगा कर आप मच्छरों को दूर रख सकते हैं।
* विडालपर्णास : : इस पौधे में मच्छरों को भगाने वाले क्वॉयल और स्प्रे से कहीं ज्यादा कैमिकल होता है।
* लेमन बाल्म : यह दिखने में पुदीने के पौधे की तरह लगता है, लेकिन इसमें नींबू की महक आती है। इस पौधे को घर में रखें या बाहर लगाएं, आपको पूरा फायदा होगा।
* लैवेंडर : : इस पौधे की खुशबू बड़ी तेज होती है इसलिए यह मच्छरों को भगाने का काम कर सकती है।
* रोजमेरी : : इस पौधे के कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे हैं। यह एंटी बैक्टीरियल होता है और गार्डन में लगाने पर मच्छर और कीट दोनों का ही सफाया होता है।
लौंग: इस मसाले में बहुत तेज खुशबू होती है, जिसको सूंघने से मच्छर ज्यादा देर तक नहीं टिकते।
मच्छरों से करें बचाव
-घर या ऑफिस के आस-पास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें और रुकी हुई नालियों को साफ करें।
- अगर पानी जमा होने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसीन ऑइल डालें।
- रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें, उन्हें सुखाएं और फिर भरें। घर में टूटे-फूटे डिब्बे,टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें। अगर रखें तो उलटा करके रखें।
- डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें।
- अगर मुमकिन हो तो खिड़कियों और दरवाजों पर महीन जाली लगवाकर मच्छरों को घर में आने से रोकें।
- ऐसे कपड़े पहनें, जिनसे शरीर का ज्यादा-से-ज्यादा हिस्सा ढका रहे। खासकर बच्चों के लिए यह सावधानी बहुत जरूरी है। बच्चों को मलेरिया सीजन में निकर व टी-शर्ट न पहनाएं।
- रात को सोते समय मच्छरदानी लगाएं।
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चाकलेट के दुष्परिणाम
चाकलेट ह्रदय, मस्तिष्क, मन व बुद्धि पर विपरीत प्रभाव डालता है | इसका सेवन कई घातक बीमारियों का कारण है | इसमें पाये जानेवाले हानिकारक तत्त्व है :
(१) कैफीन : व्यक्ति को चाकलेट खाने के अधीन करता है | इससे चित्त अधिक विचलित होता है | नींद बिगड़ती है | सिरदर्द व आँतों के विकार उत्पन्न होते है | ह्रदय, रक्त-संचरण, ग्रंथियों से संबंधित तकलीफें, तंत्रिका-विकार, अस्थि-भंगुरता (osteoporosis), महिलाओं में प्रसव-संबंधी तकलीफें तथा अन्य रोग होते हैं|
(२) सीसा ( Lead ) : यह एक अत्यंत हानिकारक खनिज है, जो बोद्धिक विकास रोकता है |इससे बुद्धि -गुणांक ( IQ ) कम होता है | ह्रदय की गति में अतिरिक्त वृद्धी होती है |
(३) थियोब्रोमाइन : असामान्य ग्रंथि-वृद्धि, अवसाद, बेचैनी, अनिंद्रा, पाचनतंत्र के रोग और खुजली जैसे कई रोग होते हैं |
(४) वेसोएक्टिव एमाइन्स : मस्तिष्क की रक्तवाहिनियों को प्रसारित कर सिरदर्द कराते हैं |
(५) सेच्युरेटेड फेट्स व अतिरिक्त शर्करा : कोलेस्ट्राल व ब्लडप्रेशर बढ़ाते हैं | ह्रदय की रक्तवाहिनियों को अवरुद्ध कर ह्रदयरोग उत्पन्न करते हैं | इनसे मोटापा, दाँतों के रोग व कील-मुंहासे होते हैं |
(६) थियोफालीन : पेट की तकलीफें व तंत्रिका-विकार होते हैं |
( ७) टिरपटोंफेन : शुरू में ख़ुशी व स्फूर्ति का एहसास दिलाकर बाद में थकाता है | अत:हानिकारक द्रव्यों से युक्त ऐसे चाकलेट का सेवन करने की अपेक्षा स्वास्थ्य, बुद्धि व बलवर्धक तुलसी-गोलियों का सेवन करें |
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बवासीर की तकलीफ़ दूर करने के लिए
बवासीर की तकलीफ़ दूर करने के लिए
* 15 ग्राम काले तिल पिसकर, 10-15 ग्राम मख्खन के साथ मिलाकर सुबह सुबह खा लो । कैसा भी बवासीर हो मिट जाता है ।
* जिनको बवासीर है, शौच वाली जगह से जिनको खून आता है, वे २ नींबू का रस निकालकर,छान लें और एनिमा के साधन से शौच वाली जगह से एनिमा द्वारा नींबू का रस लें और १० मिनट सिकोड़ कर सोये रहें । इतने में वो नींबू गर्मी खींच लेगा और शौच होगा । हफ्ते में ३-४ बार करें.......कैसा भी बवासीर हो.........फायदा होगा ।
नीम :-
- नीम के पके हुए फल को छाया में सुखाकर इसके फल का चूर्ण बना लें। 5 ग्राम चूर्ण सुबह जल के साथ खाने से बवासीर रोग ठीक होता है।
- लगभग 50 मिलीलीटर नीम का तेल, कच्ची फिटकरी 3 ग्राम, चौकिया सुहागा 3 ग्राम को बारीक पीस लें। शौच के बाद इस लेप को उंगली से गुदा के भीतर तक लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर के मस्से मिट जाते हैं।
- नीम के बीज, बकायन की सूखी गिरी, छोटी हरड़, शुद्ध रसौत 50-50 ग्राम, घी में भूनी हींग 30 ग्राम को बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर उसमें 50 ग्राम बीज निकली हुई मुनक्का को घोंटकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें, 1 से 4 गोली को दिन में 2 बार बकरी के दूध के साथ या ताजे लेने से बवासीर में लाभ मिलता हैं, और खूनी बवासीर में खून का गिरना बन्द हो जाता है।
- नीम की गिरी का तेल 2-5 बूंद तक शक्कर (चीनी) के साथ खाने से या कैप्सूल में भर कर निगलने से लाभ मिलता है। इसके सेवन के समय केवल दूध और भात का प्रयोग करें।
- नीम के बीज की गिरी, एलुआ और रसौत को बराबर भाग में कूटकर झड़बेरी जैसी गोंलियां बनाकर रोजाना सुबह 1-1 गोली नीम के रस के साथ बवासीर में लेने से आराम मिलता है।
- नीम के बीजों की गिरी 100 ग्राम और नीम के पेड़ की छाल 200 ग्राम को पीसकर1-1 ग्राम की गोलियां बनाकर 4-4 गोली दिन में 4 बार 7 दिन तक खिलाने से तथा नीम के काढ़े से मस्सों को धोने से या नीम के पत्तों की लुगदी को मस्सों पर बांधने से लाभ मिलता है।
- 100 ग्राम सूखी नीम की निबौली 50 मिलीलीटर तिल के तेल में तलकर पीस लें,बाकी बचे तेल में 6 ग्राम मोम, 1 ग्राम फूला हुआ नीला थोथा मिलाकर मलहम या लेप बनाकर दिन में 2 से 3 बार मस्सों पर लगाने से मस्सें दूर हो जातें हैं।
- फिटकरी का फूला 2 ग्राम और सोना गेरू 3 ग्राम, नीम के बीज की गिरी 20 ग्राम में घी या मक्खन मिलाकर या गिरी का तेल मिलाकर घोट लें, इसे मस्सों पर लगाने से दर्द तुरन्त दूर होता हैं और खून का बहना बन्द होता है।
- 50 ग्राम कपूर, नीम के बीज की गिरी 50 ग्राम को दोनों का तेल निकालकर थोड़ी-सी मात्रा में मस्सों पर लगाने से मस्सें सूखने लगते हैं।
- नीम की गिरी, रसौत, कपूर व सोना गेरू को पानी पीसकर लेप करें या इस लेप को एरण्ड के तेल में घोंटकर मलहम (लेप) करने से मस्से सूख जाते हैं।
- नीम के पेड़ की 21 पत्तियों को भिगोई हुई मूंग की दाल के साथ पीसकर, बिना मसाला डालें, घी में पकाकर 21 दिन तक खाने से और खाने में छाछ और अधिक भूख लगने पर भात खाने से बवासीर में लाभ हो जाता है। ध्यान रहे कि नमक का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- नीम के बीजों को तेल में तलकर, उसी में खूब बारीक पीस लें। इसके बाद फुलाया हुआ तूतिया डालकर मस्सों पर लेप करना चाहिए।
- पकी नीम की निबौंली के रस में 6 ग्राम गुड़ को मिलाकर रोजाना सुबह सात दिन तक खाने से बवासीर नष्ट हो जाता है।
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चेहरे की झाइयाँ दूर करने के घरेलू उपचार
कुछ आसान उपाय झाइयाँ मिटाएँ
झाइयाँ अक्सर बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती जाती हैं, जो देखने में अच्छी नहीं लगती हैं। तेज धूप के कारण और शारीरिक स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण भी चेहरे पर झाइयाँ पड़ जाती हैं। झाइयों की समस्या से घरेलू उपचार द्वारा आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।झाइयों को समाप्त करने के कुछ घरेलू उपाय इस प्रकार हैं-
* झाइयाँ अकसर पेट की खराबी से होती हैं या फिर अधिक तनावग्रस्त रहने से. खुश रहें,चिंता न पालें, पानी खूब पिएँ, दिन में कम से कम एक बार नीबू निचोड़कर पिएँ।
* बरगद का दूध चेहरे पर प्रतिदिन मलें। बीस मिनट बाद ठंडे पानी से धो डालें। बरगद के दूध में बहुत शक्ति व शीतलता होती है। इससे एक सप्ताह में आपकी छाइयाँ समाप्त हो जाएंगी।
* सफेद जीरा, काला जीरा, सरसों और काला तिल बराबर मात्रा में लेकर गाय के दूध में पीसकर लेप करने या उबटन करने से झाइयाँ और चेहरे के दाग दूर हो जाते हैं।
* आलू को घिसकर चेहरे पर लगाएँ।
* कटे टमाटर को चेहरे पर रगड़ना फायदेमंद होता है।
* खीरे के रस में जैतुन के तेल की बूँद मिलाकर लगाएँ।
* केले के गुदे को चेहरे पर लगाने से झाइयाँ मिटती हैं।
* गाजर के रस में पिसी बादाम व कच्चे दूध को मिलाकर लगाएँ।
* रोजाना बादाम का तेल चेहरे पर लगाएँ।
* खरबूज के बीज व छिलकों को थोड़ा पानी मिलाकर बारीक पीस लें। अप इस लेप को चेहरे पर 15 मिनिट तक लगा रहने दें। फिर पानी से चेहरा धो लें। इस पैक को रोजाना चेहरे पर लगाने से आपके चेहरे की झाइयाँ दूर होंगी।
* आधी कटोरी उड़द की दाल के पावडर में दो चम्मच गुलाबजल, एक चम्मच ग्लिसरीन व दो चम्मच बादाम रोगन मिलाकर इस लेप को चेहरे पर कुछ देर लगाकर रखें फिर हल्के गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।
* चेहरे की झाइयाँ दूर करने के लिए आप आधा नीबू व आधा चम्मच हल्दी और दो चम्मच बेसन लें। अब इन चीजों को आपस में अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट-सा बना लें। अब इस मिश्रण का मास्क चेहरे पर तीन या चार बार लगाए। झाइयाँ समाप्त हो जाएँगी और आपका चेहरा भी निखर जाएगा।
* चेहरे पर ताजे नीबू को मलने से भी झाइयों में लाभ होता है।
* चेहरे पर झाइयाँ तेज धूप पड़ने के कारण भी हो जाती हैं। अतः तेज धूप से जहाँ तक हो सके चेहरे को प्रभावित न होने दें।
* सेब खाने और सेब का गूदा चेहरे पर मलने से भी झाइयाँ दूर होती हैं।
* रात को नींद न आने से भी चेहरे पर झाइयाँ पड़ जाती हैं, जिन्हें दूर करने के लिए रात को सोने से पहले चेहरे को अच्छी तरह धोएँ। तदुपरांत एक चम्मच मलाई में तीन या चार बादाम पीसकर दोनों का मिश्रण बना लें, फिर इस मिश्रण को चेहरे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें और सो जाएँ। प्रातः उठकर बेसन से चेहरे को धो लें। इस प्रयोग से आपको आश्चर्यजनक लाभ होगा।
* झाइयों को समाप्त करने के लिए आप भोजन में सलाद का नियमित प्रयोग करें।
* दिन में एक गिलास गाजर का रस बिना नमक-मिर्च मिलाए पिएँ, इससे चेहरा तो सुर्ख सफेद होगा ही, साथ ही झाइयाँ भी समाप्त हो जाएँगी।
झाइयाँ कम हो जाएँगी और रंगत भी निखर जाएगी।
उम्र बढ़ने के अलावा सूरज की तेज रोशनी, प्रदूषण, धूम्रपान, तनाव, वजन कम होना और शरीर में विटामिन ई की कमी के कारण असमय ही त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय, जो प्राकृतिक रूप से त्वचा को झुर्रियों से मुक्त कर सकती है।
* अच्युताय एलोवेरा जेल त्वचा को मुलायम व कोमल बनाती है ।सूर्य की तेज किरणों ,धुल. केमिकल्स आदि से त्वचा पर होनेवाले प्रभाव से रक्षा करता है! कील , मुँहासे, काले दाग, झुर्रियाँ आदि को दूर करता है ।
1.पपीता: नहाने से पहले चेहरे और गर्दन पर पपीते का टुकड़ा रगड़ने से त्वचा कोमल होती है। इसमें मौजूद पापेन नामक तत्व त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने और नई कोशिकाओं को विकसित करने में सहायक होता है।
2.केला: चेहरे व गर्दन पर केले का छोटा-सा टुकड़ा हफ्ते में एक बार रगड़ना चाहिए।
* अच्युताय एलोवेरा जेल त्वचा को मुलायम व कोमल बनाती है ।सूर्य की तेज किरणों ,धुल. केमिकल्स आदि से त्वचा पर होनेवाले प्रभाव से रक्षा करता है! कील , मुँहासे, काले दाग, झुर्रियाँ आदि को दूर करता है ।
1.पपीता: नहाने से पहले चेहरे और गर्दन पर पपीते का टुकड़ा रगड़ने से त्वचा कोमल होती है। इसमें मौजूद पापेन नामक तत्व त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने और नई कोशिकाओं को विकसित करने में सहायक होता है।
2.केला: चेहरे व गर्दन पर केले का छोटा-सा टुकड़ा हफ्ते में एक बार रगड़ना चाहिए।
3.डिहाइड्रेट त्वचा कांतिहीन दिखती है, इसलिए भरपूर पानी पीना ही एक मात्र उपाय है।
4.जूस: फेस पैक तैयार करते समय उसमें पानी की बजाय नींबू, गाजर या ककड़ी का रस मिलाएं। यह तरीका अधिक फायदेमंद साबित होगा।
5.मसाज: जैतून, बादाम या नारियल के तेल से चेहरे की मसाज भी की जा सकती है। इसमें विटामिन ई होने से त्वचा का तेज बरकरार रहता है। वहीं मृत कोशिकाओं से मुक्ति भी मिलती है।
6.हल्दी: इसके पाउडर में गन्ने का रस मिलाकर तैयार पेस्ट लगाने से त्वचा में कसावट आती है। यह झुर्रियां दूर करने के साथ ही त्वचा निखारने में भी सहायक है। वहीं हल्दी की एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी त्वचा विकारों को भी दूर करती है।
7. कच्ची सब्जियों का सलाद, फलों का रस व अंकुरित अनाज का सेवन भी झुर्रियों को दूर करने में सहायक है।
8.चना, मूँग, मैथीदाने और साबुत मसूर भिगोकर अंकुरित बना लें। इसमें नीबू का रस व काला नमक मिलाकर प्रतिदिन चबाकर खाएँ।
9.झुर्रियों से बचे रहना चाहते हैं तो सिगरेट से दूरी बना लें। सिगरेट एन्जाइम्स को एक्टिवेट कर देती है, जिससे हमारे चेहरे और शरीर के ऊपर झुर्रियां दिखाई पडऩे लगती हैं।
10. भरपूर नींद लें तो कम उम्र में झुर्रियों से बचे रहेंगे।
11.एक पका केला लें और उसमें एक चम्मच शहद मिला लें। इसे मसलकर चेहरे और गर्दन पर तकरीबन 15 मिनट के लिए लगा लें।
केले के गूदे में कुछ बूंदें जैतून के तेल की मिलाकर लगाने से झुर्रियां कम होती हैं।
भूख बढाने के कुछ असरदार नुस्खे
भूख बढाने के कुछ असरदार नुस्खे
हमारे शरीर की अग्नि खाये गये भोजन को पचाने का काम करती है,यदि यह अग्नि किसी कारण से मंद पड़ जाये तो भोजन ठीक तरह से नही पचता है, भोजन के ठीक से नही पचने के कारण शरीर में कितने ही रोग पैदा हो जाते है,अनियमित खानपान से वायु पित्त और कफ़ दूषित हो जाते है,जिसकी वजह से भूख लगनी बंद हो जाती है,और अजीर्ण अपच वायु विकार तथा पित्त आदि की शिकायतें आने लगती है,भूख लगनी बंद हो जाती है,शरीर टूटने लगता है, स्वाद बिगड जाता है,पेट में भारीपन महसूस होने लगता है,पेट खराब होने सेदिमाग खराब रहना चालू हो जाता है,अथवा समझ लीजिये कि शरीर का पूरा का पूरा तंत्र ही खराब हो जाता है,इसके लिये मंन्दाग्नि से हमेशा बचना चाहिये और तकलीफ़ होने पर इन दवाओं का प्रयोग करना चाहिये।
- * भूख नही लगने पर आधा माशा फ़ूला हुआ सुहागा एक कप गुनगुने पानी में दो तीन बार लेने से भूख खुल जाती है।
- * काला नमक चाटने से गैस खारिज होती है,और भूख बढती है,यह नमक पेट को भी साफ़ करता है।
- * हरड का चूर्ण सौंठ और गुड के साथ अथवा सेंधे नमक के साथ सेवन करने से मंदाग्नि ठीक होती है।
- * सेंधा नमक,हींग अजवायन और त्रिफ़ला का समभाग लेकर कूट पीस कर चूर्ण बना लें,इस चूर्ण के बराबर पुराना गुड लेकर सारे चूर्ण के अन्दर मिला दें,और छोटी छोटी गोलियां बना लें,रोजाना ताजे पानी से एक या दो गोली लेना चालू कर दे,यह गोलियां खाना खाने के बाद ली जाती है,इससे खाना पचेगा भी और भूख भी बढेगी।
- * हरड को नीब की निबोलियों के साथ लेने से भूख बढती है,और शरीर के चर्म रोगों का भी नाश होता है।
- * हरड गुड और सौंठ का चूर्ण बनाकर उसे थोडा थोडा मट्ठे के साथ रोजाना लेने से भूख खुल जाती है।
- * छाछ के रोजाना लेने से मंदाग्नि खत्म हो जाती है।
- * सोंठ का चूर्ण घी में मिलाकर चाटने से और गरम जल खूब पीने से भूख खूब लगती है।
- * रोज भोजन करने से पहले छिली हुई अदरक को सेंधा नमक लगाकर खाने से भूख बढती है।
- * लाल मिर्च को नीबू के रस में चालीस दिन तक खरल करके दो दो रत्ती की गोलियां बना लें,रोज एक गोली खाने से भूख बढती है।
- * गेंहूं के चोकर में सेंधा नमक और अजवायन मिलाकर रोटी बनवायी जाये,इससे भूख बहुत बढती है।
- * मोठ की दाल मंदाग्नि और बुखार की नाशक है।
- * डेढ ग्राम सांभर नमक रोज सुबह फ़ांककर पानी पीलें,मंदाग्नि का नामोनिशान मिट जायेगा।
- * पके टमाटर की फ़ांके चूंसते रहने से भूख खुल जाती है।
- * दो छुहारों का गूदा निकाल कर तीन सौ ग्राम दूध में पका लें,छुहारों का सत निकलने पर दूध को पी लें,इससे खाना भी पचता है,और भूख भी लगती है।
- * जीरा सोंठ अजवायन छोटी पीपल और काली मिर्च समभाग में लें,उसमे थोडी सी हींग मिला लें,फ़िर इन सबको खूब बारीक पीस कर चूर्ण बना लें,इस चूर्ण का एक चम्मच भाग छाछ मे मिलाकर रोजाना पीना चालू करें,दो सप्ताह तक लेने से कैसी भी कब्जियत में फ़ायदा देगा।
- * भोजन के आधा घंटा पूर्व चुकन्दर गाजर टमाटर पत्ता गोभी पालक तथा अन्य हरी साग सब्जियां व फ़लीदार सब्जियों के मिश्रण का रस पीने से भूख बढती है।
- * सेब का सेवन करने से भूख भी बढती है और खून भी साफ़ होता है।
- * अजवायन चालीस ग्राम सेंधा नमक दस ग्राम दोनो को कूट पीस कर एक साफ़बोतल में रखलें,इसमे दो ग्राम चूर्ण रोजाना सवेरे फ़ांक कर ऊपर से पानी पीलें,इससे भूख भी बढेगी और वात वाली बीमारियां भी समाप्त होंगी।
- * एक पाव सौंफ़ पानी में भिगो दें,फ़िर इस पानी में चौगुनी मिश्री मिलाकर पका लें,इस शरबत को चाटने से भूख बढती है।
- * पकी हुई मीठी इमली के पत्ते सेंधा नमक या काला नमक काली मिर्च और हींग का काढा बनाकर पीने से मंदाग्नि ठीक हो जाती है।
- * जायफ़ल का एक ग्राम चूर्ण शहद के साथ चाटने से जठराग्नि प्रबल होकर मंदाग्नि दूर होती है।
- * सोंफ़ सोंठ और मिश्री सभी को समान भाग लेकर ताजे पानी से रोजाना लेना चाहिये इससे पाचन शक्ति प्रबल होती है।
- * जवाखार और सोंठ का चूर्ण गरम पानी से लेने से मंदाग्नि दूर होती है।
- * लीची को भोजन से पहले लेने से पाचन शक्ति और भूख में बढोत्तरी होती है।
- * अनार भी क्षुधा वर्धक होता है,इसका सेवन करने से भूख बढती है।
- * नीबू का रस रोजाना पानी में मिलाकर पीने से भूख बढती है।
- * आधा गिलास अनन्नास का रस भोजन से पहले पीने से भूख बढती है।
- * तरबूज के बीज की गिरी खाने से भूख बढती है।
- * बील का फ़ल या जूस भी भूख बढाने वाला होता है।
- * इमली की पत्ती की चटनी बनाकर खाने से भूख भी बढती है,और खाना भी हजम होता है।
- * सिरका सोंठ काला नमक भुना सुहागा और फ़ूला हींग समभाग मे लेकर मिला लें,रोजाना खाने के बाद भूख बढती है।
- * सूखा पुदीना बडी इलायची सोंठ सौंफ़ गुलाब के फ़ूल धनिया सफ़ेद जीरा अनारदाना आलूबुखारा और हरड समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें,मंदाग्नि अवश्य दूर हो जायेगी।
- * एक ग्राम लाल मिर्च को अदरक और नीबू के रस में खरल कर लें,फ़िर इसकीकाली मिर्च के बराबर की गोलिया बना लें, यह गोली चूसने से भूख बढती है।
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